Why we need a Birthdate

जन्म कुंडली बनाने के लिए जन्म समय ही क्यों लिया जाता है गर्भ का समय क्यों नहीं?

पंच तत्व से हमारा शरीर बना है जो जन्म समय से कुंडली बनाने का प्रमुख आधार है।

यह एक ज्ञात तथ्य है कि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली या कुंडली उसके जन्म विवरण पर आधारित होती है। यह जन्म के समय आकाश में ग्रहों की स्थिति शिशु के सापेक्ष में चित्रण है जो व्यक्ति की नियति तय करता है। लेकिन जन्म कुंडली या कुंडली बनाने के लिए केवल जन्म विवरण ही क्यों चुना जाता है। कोई अन्य पैरामीटर क्यों नहीं? इसका उत्तर पंचतत्वों के पास है। किसी भी जीव का भौतिक शरीर 5 तत्वों से बना होता है। इन पांच तत्वों का समन्वय व्यक्ति के लिए जीवन शक्ति उत्पन्न करता है।

आकाश
आकाश या ईथर तत्व को अंतरिक्ष के रूप में भी जाना जाता है। अंतरिक्ष – जहाँ कोई स्वतंत्र रूप से चलता है। भौतिक शरीर में यह तत्व शरीर के खोखले गुहाओं में मौजूद होता है और यह शून्य को भरता है।

जाल
जल या जल तत्व शरीर में तरलता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है।

पृथ्वी
पृथ्वी या पृथ्वी तत्व ने विभिन्न कोशिकाओं को एक साथ बांधकर शरीर के अंगों और संरचना को आकार प्रदान किया।

अग्नि
अग्नि या अग्नि तत्व शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है जिससे वृद्धि और जीविका में मदद मिलती है। वायु या वायु – प्राण या श्वास-मूल शक्ति है जो शरीर और शरीर की प्रत्येक गति को प्रज्वलित करती है।

गर्भ में एक प्रतीक्षित बच्चे में 4 तत्वों का मिश्रण होता है- आकाश, पृथ्वी, जल और अग्नि। पाँचवाँ तत्व वायु या प्राण या श्वास प्रतीक्षित बच्चे में गायब रहता है। गर्भनाल पर निर्भर बच्चा गर्भ में अपने आप सांस नहीं लेता है। इस प्रकार पंचतत्वों का मिश्रण अभी पूरा नहीं हुआ है।

प्रतीक्षित शिशु के इस संसार में आते ही वायु तत्व श्वास के रूप में शरीर में प्रवेश करता है और पंचतत्वों को पूर्ण करता है।

वायु
वायु, प्राण या श्वास बच्चे की स्वतंत्र शारीरिक गति को लय प्रदान करते हैं। इस पहली सांस से बाहरी वातावरण का प्रभाव और ग्रह शक्तियों का प्रभाव बच्चे पर पड़ने लगता है जो अब तक एक पूर्ण जीव है। इस प्रकार यह एकमात्र कारण है कि ज्योतिष से संबंधित किसी भी पढ़ने के लिए जन्म विवरण महत्वपूर्ण हैं।

Astro Aura
Logic of ✨

#AstroAura #spritualastrology #astrotips #astro #astrology